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मेहंदी का प्रचलन हमारी भारतीय परंपरा में काफी पुराना है। मेहंदी नारी श्रृंगार का एक अभिन्न अंग है जिसके बिना हर रीति-रिवाज, हर प्रसंग अधूरा माना जाता है। 12वीं शताब्दी में जब सल्तनत साम्राज्य ने भारत में अपनी जड़ें बनाईं तब मेहंदी का प्रचलन भारत में शुरू हुआ था।हिन्दू परिवारों में भी धीरे-धीरे मेहंदी का चलन, मुगलों के रीति-रिवाज़ों को देखते हुए ही शुरू हुआ था।
मेहंदी का इतिहास

कहा जाता है कि मेहंदी का प्रचलन 9 हजार साल पहले मिस्र देश में शुरू हुआ, जहाँ मिस्र की रानी क्लियोपैट्रा अपनी सुंदरता में चार चाँद लगाने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल किया करती थीं। और भारत की बात करें तो 12वीं शताब्दी में मुग़लों ने हमें मेहंदी से अवगत कराया। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि हजारों वर्ष पहले ही मेंहदी को हिन्दू धर्म में मान्यता प्राप्त हो गई थी।
मेहंदी लगाने का महत्त्व

हाथों में रचने वाली मेहंदी एक खिलता रंग ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का हिस्सा भी है। यह हमारी आने वाली हर खुशियों का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए इसे विवाह के समय लगाना काफी जरूरी माना जाता है। दुल्हन के विभिन्न श्रृंगारों में से एक मेंहदी भी है। दुल्हन की मेंहदी उसके श्रृंगार को और भी सुंदर बनाती है। मेंहदी को इसी खासियत के लिए 16 श्रंगारों में सबसे खास माना जाता है।
भारत में पुरुष भी करते हैं इसका उपयोग

मेंहदी का उपयोग गर्मी में ठंडक देने के लिए भी किया जाता है। कुछ लोग, विशेषकर बूढे़ अपने सफ़ेद बालों में मेंहदी लगाकर बालों को सुनहरे बनाने की कोशिश करते हैं। इससे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है। मेंहदी के पेड़ सदाबहार झाड़ियों के रूप में पाये जाते हैं। महिलाएँ इसका प्रयोग श्रृंगार शोभा को बढ़ाने के लिए करती हैं।
पश्चिमी देशों में बढ़ा है मेहंदी का चलन

पश्चिमी देशों में इसे टेम्पररी टैटू की तरह इस्तेमाल किया जाता है। विदेशों में भी इसका प्रचलन काफी बढ़ गया है। वहां अक्सर बड़े-बड़े सेलेब्रिटी इसका प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। कई लोगों ने अपने सिर के बाल खोने के बाद सिर पर भी इससे डिज़ाइन बनवाने शुरू कर दिये हैं।
लाभकारी औषधि है मेहंदी।

मेहंदी में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर में शीतलता बनाए रखते हैं। शादी के समय बढ़ते दिमागी तनाव से राहत देने में मेहंदी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमारे शरीर में शीतलता देने के साथ, सिर दर्द, तनाव और थकान से भी राहत दिलाती है। मेहंदी लगाने से त्वचा संबंधी कई रोग दूर होते हैं। साथ ही यह त्वचा की नमी को भी बनाए रखने का काम करती है।
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