उत्तराखंड के देहरादून में स्थित प्रेम नगर का पुलिस स्टेशन दूसरे थानों से अलग है। यहां थाने में गरीब बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। बता दें कि थाने के एक कमरे में बच्चों की पाठशाला चलती है जहां उन्हें एक एनजीओ द्वारा पढ़ाया जाता है। एक एनजीओ द्वारा थाने में चलाई जा रही पाठशाला इतनी चर्चित हुई कि यह अब दो शिफ्ट में चल रही है।

यहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 51 हो गई है। बच्चों को पढ़ाने का काम स्वयं सेवी संगठन के कार्यकर्ता कर रहे हैं। बच्चों को इस पाठशाला में अंग्रेजी, गणित और हिंदी का पाठ पढ़ाया जा रहा है।

पुलिस थाने के मुकेश त्यागी ने बताया, “एनजीओ आसरा ट्रस्ट ने हमसे चौकी में क्लास चलाने के लिए सहायता मांगी। इसके बाद हमने उन्हें यहां बच्चों को पढ़ाने की इजाजत दे दी।” मुकेश त्यागी के अनुसार, “बच्चों की पाठशाला थाने में लगी तो स्थानीय लोगों ने इसमें अपना योगदान देना शुरू कर दिया। किसी ने बच्चों को लाने और छोड़ने का काम किया तो किसी ने बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था की।”

बच्चों को पढ़ाने वाली एक टीचर राखी ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि हर हाल में सभी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले। उनका कहना है कि अभी पाठशाला में 51 बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा भी मुहैया कराए जाने की योजना है। वहीं बड़ी लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग देने पर भी विचार किया जा रहा है।
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