“हम दुनिया में अकेले आये हैं और अकेले ही चले जाएंगे, ऐसे में क्यों न हम उन लोगों की मदद करें जो जरूरतमंद हैं।” यह कहना हैं लुधियाना के मनिंदर पाल सिंह का। इनके जैसे लोग दुनिया में बड़ी मुश्किल से मिलते हैं। जो अपने संगठन के माध्यम से जरूरतमंदो को खाना खिला रहे हैं और मानवता का धर्म निभा रहे हैं।

मनिंदरपाल सिंह ने अपने गैर सरकारी संगठन रे ऑफ़ पाजिटिविटी (Ray Of Positivity) के माध्यम से 18 सितम्बर 2018 को माँ की रसोई की शुरुआत की। जो लुधियाना स्थित अस्पतालों के मरीजों को अपने घर से पकाया हुआ भोजन देते हैं। जिसमे दयानन्द मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, श्री कृष्ण चैरिटेबल अस्पताल और सिविल अस्पताल शामिल हैं।
मनिंदरपाल माँ की रसोई द्वारा हर मंगलवार और शुक्रवार मरीजों को मुफ्त भोजन वितरित करते हैं। उनके इस कार्य के लिए लुधियाना के आर एस मॉडल स्कूल (R.S. Model School) के 4100 छात्र और 160 शिक्षक मदद कर रहे हैं। जो अपने घर से भोजन लाते हैं और यह संगठन इस भोजन को जरूरतमंद लोगों को खिलाता है। यह संगठन एक दिन में करीब 10000 पराठें वितरित करते हैं।

उनके इस कार्य से प्रेरित होकर लुधियाना के स्थानीय ढाबा रे ऑफ़ पाजिटिविटी ने भी इनके साथ साझेदारी की है और ढाबे की तरफ से लोगों को चाय भी दी जा रही है। यह संगठन जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध कर रहे हैं। और उन्हें कहीं से भी कोई आर्थिक मदद प्राप्त नहीं है। मनिंदरपाल सिंह कहते हैं, “अगर किसी को हमारी मदद करनी है तो वे लोग उन सामग्री को भेज सकते हैं जिसे हम जरूरतमंदों को वितरित कर सकें।”
इस कार्य में मनिंदरपाल की पत्नी और बच्चे उनकी सहायता करते हैं। मनिंदरपाल अपनी संगठन के माध्यम से गरीब और जरूरतमंदो को चप्पल और जूते भी प्रदान करते हैं। मनिंदरपाल ने इस कार्य की मात्र शुरुआत ही की है और वे कहते हैं “बूँद-बूँद से सागर बनता है।”

उनकी इस महान पहल से बच्चों में इस उम्र में ही लोगों की मदद करने की भावना पैदा होगी। वे अपने आसपास की वास्तविकता को अच्छी तरह से समझेंगे और जानेंगे कि सेवाधर्म से ज्यादा कुछ नहीं।